haar nahin maanoonga, raar nahin thaanoonga

गोपाल दास नीरज की कविता "हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा" एक प्रेरणादायक रचना है जो जीवन में संघर्ष और आत्मविश्वास के महत्व को दर्शाती है। इस कविता के माध्यम से कवि हमें यह संदेश देते हैं कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए।




गोपाल दास नीरज की एक और प्रेरणादायक कविता:


हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा


हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा

हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ,

गीत नया गाता हूँ।


टूटे हुए तारों से फूटे बांसुरी की धुन,

सिर्फ़ सितारों में नहीं, खोता मन का सुकून।

चारों ओर शोर हो, पर होश न खोऊंगा,

मैं जीवन के हर मोड़ पर, गीत नया गाऊंगा।


हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ,

गीत नया गाता हूँ।


हर कठिनाई से लड़ते, आगे बढ़ता जाऊंगा,

मुसीबतों को हँसते-हँसते, अपने कदमों में लाऊंगा।

सपनों को साकार कर, हौसले को बढ़ाऊंगा,

अपनी मेहनत से, मंजिल को पाऊंगा।


हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ,

गीत नया गाता हूँ।


अंधेरी राहों में, उम्मीद का दीप जलाऊंगा,

हिम्मत से हर मुश्किल को, चुटकी में हराऊंगा।

अपने विश्वास को, कभी न टूटने दूंगा,

हर संघर्ष में, जीत की धुन बजाऊंगा।


हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा,

काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ,

गीत नया गाता हूँ।


यह कविता हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। हर संघर्ष में एक नया अवसर छुपा होता है, और हमें अपने हौसले और मेहनत से उस अवसर को पहचानकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए।


कविता का सार:


1. अटल संकल्प: कविता की शुरुआत में कवि अपने अडिग संकल्प को दर्शाते हैं। वे कहते हैं कि वे हार मानने वालों में से नहीं हैं। उनका मानना है कि वे काल के कपाल पर अपने संघर्षों और विजय की कहानियाँ लिखते और मिटाते रहेंगे, और हमेशा एक नया गीत गाते रहेंगे। यह एक प्रतीक है उनके सकारात्मक दृष्टिकोण और निरंतर प्रयास का।




2. संकल्प की शक्ति:  कविता आगे चलकर हमें बताती है कि कठिनाइयों और मुसीबतों के बावजूद, कवि अपने सपनों को साकार करने और हौसले को बनाए रखने के लिए संकल्पित हैं। वे हर मुश्किल को हँसते-हँसते अपने कदमों में लाने का हौसला रखते हैं।




3.  उम्मीद और विश्वास: इस रचना में कवि अंधेरी राहों में भी उम्मीद का दीप जलाने की बात करते हैं। यह दर्शाता है कि कठिन समय में भी हमें अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए और संघर्ष करते रहना चाहिए।




4.  संगीत और प्रेरणा: कविता का मुख्य भाव यह है कि जीवन के हर मोड़ पर हमें एक नया गीत गाना चाहिए, जो संघर्ष और जीत का प्रतीक है। यह बताता है कि हमें निरंतर प्रेरित रहना चाहिए और अपने प्रयासों को कभी भी कम नहीं होने देना चाहिए।



कविता का संदेश:

गोपाल दास नीरज की यह कविता हमें सिखाती है कि जीवन में संघर्ष एक अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। आत्मविश्वास, धैर्य और संकल्प के साथ हम हर कठिनाई को पार कर सकते हैं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं। यह कविता हमें अपने हौसले को बनाए रखने और जीवन में हर पल को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देती है।


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